Anil Vij Won Ambala Cantt: अंबाला कैंट से पूर्व गृह मंत्री अनिल विज जीते; चित्रा सरवारा के सामने दांव पर थी साख

अंबाला कैंट से पूर्व गृह मंत्री अनिल विज जीते; चित्रा सरवारा के सामने दांव पर थी साख, सुबह वोटों की काउंटिंग खुली तो पीछे चल रहे थे

Haryana BJP Anil Vij Won Ambala Cantt Vidhan Sabha Seat Final Result 2024

Haryana BJP Anil Vij Won Ambala Cantt Vidhan Sabha Seat Final Result 2024

Anil Vij Won Ambala Cantt: हरियाणा में अंबाला कैंट विधानसभा से पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने जीत हासिल कर ली है। विज ने निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा को 7,277 वोटों से हराया। अनिल विज को 59,858 वोट मिले हैं। जबकि चित्रा सरवारा को 52,581 वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा। विज के साथ चित्रा की कांटे की टक्कर देखी जा रही थी। सुबह जब 8 बजे हरियाणा की सभी 90 सीटों पर वोटों की गिनती खुली तो उस दौरान विज पीछे चल रहे थे। अंबाला कैंट विधानसभा में पड़े वोटों की गिनती टोटल 16 राउंड में हुई। इस बीच विज ने चौथे राउंड से बढ़त बनाई। हालांकि, बीच में वह फिर से डाउन हुए। लेकिन बाद में जीत दर्ज कर ली। चित्रा सरवारा के सामने अनिल विज की साख दांव पर लगी थी।

जीत के बाद अनिल विज ने क्या कहा?

अंबाला कैंट विधानसभा सीट से जीत दर्ज करने के बाद अनिल विज और उनके कार्यकर्ता जश्न के माहौल डूबे हुए हैं। मिठाइयां बांटी जा रहीं हैं। मुंह मीठे कराये जा रहे हैं। वहीं अपनी जीत पर विज का कहना है कि, यह बीजेपी की नीतियों की जीत है और प्रधानमंत्री मोदी जो देश को तेजी से आगे ले जाना चाहते हैं, यह उसकी जीत है। लोगों के विश्वास की जीत है। इससे पहले विज ने कहा था कि, मैं जनता का जनादेश स्वीकार करूंगा। अगर हाईकमान चाहेगा तो मैं मुख्यमंत्री बनूंगा। वहीं विज ने हुड्डा पर भी तंज़ कसा था और कहा था कि, बीजेपी आगे चल रही है और कांग्रेस वाले जश्न मना रहे हैं क्योंकि कांग्रेस पार्टी में कई लोग चाहते हैं कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव हार जाएं।

अंबाला कैंट से अब सातवीं बार विधायक बने विज

इस ताजी जीत के बाद अब अनिल विज अंबाला कैंट से सातवीं बार विधायक बने हैं। विज ने अंबाला कैंट से सबसे पहला विधानसभा चुनाव साल 1991 में लड़ा था और जीत हासिल की थी। उस समय यह सीट सुषमा स्वराज के राज्यसभा जाने से खाली हुई थी। अंबाला कैंट से विज निर्देलीय चुनाव भी लड़ चुके हैं। 1996 और 2000 में, उन्होंने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और दोनों बार जीत दर्ज की। हालांकि, विज 2005 का चुनाव हार गए। इसके बाद वह 2009 में फिर से अंबाला कैंट से विधायक के रूप में चुने गए। वहीं 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भी अनिल विज ने अंबाला कैंट से जीत दर्ज की। अनिल विज अपने आप को हरियाणा में अपने आप को बीजेपी का सबसे वरिष्ठ नेता बताते हैं और सीएम पद के लिए पुरजोर दावेदारी कर रहे हैं।

2019 में किसी भी पार्टी को नहीं मिला था बहुमत

2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत हासिल नहीं हुआ था। हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों में बहुमत के लिए किसी पार्टी को अकेले दम पर 46 सीटों की जरूरत होती है। लेकिन रिजल्ट के बाद सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने 40 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 31 सीटें, जेजेपी ने 10 और अन्य ने 9 सीटें हासिल की थी। जिसके बाद बीजेपी और जेजेपी ने आपस में गठबंधन किया और राज्य में सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में गठबंधित सरकार चलाई। इस दौरान जेजेपी प्रधान महासचिव दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम रहे।

लेकिन यह गठबंधित सरकार इस साल लोकसभा चुनाव से पहले बिखर गई। 12 मार्च को बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ लिया और इसके साथ ही मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद उसी दिन नायब सिंह सैनी ने सरकार बनाने के लिए तय विधायकों की संख्या के हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। फिलहाल, इस बार यह देखना होगा कि, हरियाणा की जनता किस पार्टी को सत्ता में बैठाती है।

लोकसभा चुनाव में BJP को लगा था झटका

ज्ञात रहे कि, इसी साल लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लग चुका है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जहां बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतीं थीं तो वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। हरियाणा की 5 ये सीटें कांग्रेस के खाते में गईं। जिसे 2019 में एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली थी। लोकसभा चुनाव के इस रिजल्ट को देखते हुए यह माना जाने लगा था कि, हरियाणा में कांग्रेस का ग्राफ बढ़ना शुरू हो गया है और बीजेपी की नैया गोते खाने लगी है।